रमाकान्त सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)
राम तेरी लीला न्यारी - गीत - रमाकांत सोनी
रविवार, अप्रैल 10, 2022
तिर जाते पत्थर पानी में, नाम की महिमा भारी है,
राम तेरी लीला न्यारी है, राम तेरी लीला न्यारी है।
ताड़क वन ताड़का मारी, मर्यादा पुरुष अवतारी,
लखन भरत शत्रुघ्न भ्राता, सीता जनकदुलारी।
दशरथ नंदन नयनतारे, माँ कौशल्या बलिहारी है,
राम तेरी लीला न्यारी है, राम तेरी लीला न्यारी है।
वन को गए राम रघुराई, हनुमान सीता सुधि पाई,
सुग्रीव से करी मिताई, वानर सेना सागर तट आई।
लंका पर जा करी चढ़ाई, राम रावण युद्ध भारी है,
राम तेरी लीला न्यारी है, राम तेरी लीला न्यारी है।
रामेश्वरम करी स्थापना, राम आराध्या धनुर्धारी है,
संतों के सहारे राम, कौशल नार अहिल्या तारी है।
सबकी पीर हरे राघव, गुण गाती दुनिया सारी है,
राम तेरी लीला न्यारी है, राम तेरी लीला न्यारी है।
रामनाम से संकट मिटते, राम की महिमा भारी है,
योगी संत माला जपते, राम चक्र सुदर्शन धारी है।
रोम रोम में राम समाया, मन मुदित भये भारी है,
राम तेरी लीला न्यारी है, राम तेरी लीला न्यारी है।
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