डॉ॰ सहाना प्रसाद - बेंगलुरु (कर्नाटक)
आप के साथ - कविता - डॉ॰ सहाना प्रसाद
बुधवार, अप्रैल 13, 2022
आप के साथ ज़िंदगी
हर लम्हा उत्सव।
सुबह दिल ख़ुश
रात को शान्त।
बातें करती हूँ
या चुप रहती हूँ,
लगता है दिल की बात
बिन कहे समझ ली आपने।
एक-एक पल अनमोल
होते है जब आप पास।
बस एक दुआ रब से
बीत जाए उमर, इसी तरह।
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