सौरभ तिवारी - करैरा, शिवपुरी (मध्यप्रदेश)
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन? - कविता - सौरभ तिवारी
सोमवार, अप्रैल 11, 2022
मैं मन का कोलाहल लिख दूँ
या लिखूँ गूँजता अन्तर मौन
लिखने को हर आह भी लिख दूँ
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन?
रोम-रोम की लिखूँ वेदना
संवेदी शीतल गान लिखूँ
यदि लिखने पर आ जाऊँ
तो, टूटे सब अरमान लिखूँ
जागी हर इक रात लिखूँ तो
मेरे स्वप्न गढ़ेगा कौन?
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन?
बिखरी-बिखरी लिखूँ तमन्ना
जीवन के कटु ताप लिखूँ
अपने हाथों सिले जो मैंने
दिल के सारे चाक लिखूँ
नीर क्षीर दोनों लिख दूँगा
उनको पृथक करेगा कौन?
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन?
हर्फ़-हर्फ़ में सिसकी लिख दूँ
अचल अटल विश्वास लिखूँ
क़दम-क़दम पर किया जिन्होंने
उनका हर उपहास लिखूँ
तन्जों के जो दंश नुकीले
दिल मे चुभे चुनेगा कौन?
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन?
अपने मन की निर्मलता के
सारे साक्ष्य लिखूँगा मैं
दर्पन जैसे परम् सत्य सी
सारी बात लिखूँगा मैं
मेरे पावन आलेखों को
अंगीकार करेगा कौन?
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन?
जिसने चाहा उसके जैसा
हाँ बिल्कुल ढल सकता हूँ
जिस पथ पर तुम चलने निकले
ख़ुशी-ख़ुशी चल सकता हूँ
मैं मूरत सा ढल जाऊँ
पर मेरे साथ ढलेगा कौन?
मेरा लिखा पढ़ेगा कौन?
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर