कुमुद शर्मा 'काशवी' - गुवाहाटी (असम)
कच्ची मिट्टी - कविता - कुमुद शर्मा 'काशवी'
सोमवार, जून 06, 2022
कच्ची मिट्टी सी मैं,
सबके रंग में रंग जाऊँ,
ढाल ख़ुद को...!
अपनो की ख़ुशियों में,
मन ही मन सुकून पाऊँ,
हर रिश्ते के साँचे में,
ढाल ख़ुद को...!
सबके मन का करती जाऊँ,
ऐसा कर मैं हर रिश्ते को,
पक्का करती जाऊँ,
ख़ुद का जीवन न्योछावर कर,
किसी ओर के नाम से ही...,
मैं पहचानी जाऊँ,
कभी किसी की बिटिया,
कभी गृहलक्ष्मी...कहलाऊँ,
कभी माँ बन बच्चों में,
अपना अस्तित्व...,
ढूँढ़ती जाऊँ,
इस घर को अपना,
और बाबुल का आँगन,
पराया करती जाऊँ,
मैं रमणी कैसे...!
सुनो सबकी...,
करो अपने मन की,
मैं समझ पाऊँ,
जब कफ़न भी अपना,
मैं अपने मायके से पाऊँ,
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर