गोकुल कोठारी - पिथौरागढ़ (उत्तराखंड)
समझाया हमने कि हम भी जले हैं - गीत - गोकुल कोठारी
शनिवार, जुलाई 23, 2022
सज धज पतंगे कहाँ को चले हैं,
समझाया हमने कि हम भी जले हैं।
निकला है घर से फिर इक दीवाना,
कहता है मुझको मोहब्बत निभाना।
अरमाँ ये दिल में कैसे पले हैं,
समझाया हमने कि हम भी जले हैं।
शमा के लिए वो कुछ और ही है,
ये तो ज़माने का इक तौर ही है।
शमा के लिए तो इक दौर आना,
शमा के लिए तो इक दौर जाना।
समझो नहीं तुम इसको फ़साना,
मिट जाएगा फिर इक दीवाना।
एक से अब दो ही भले हैं,
समझाया हमने कि हम भी जले हैं।
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