विनय विश्वा - कैमूर, भभुआ (बिहार)
इंतज़ार एक तपस्या है - कविता - विनय विश्वा
शुक्रवार, जुलाई 01, 2022
वो दिन मेरे सपनों के
ज़िंदा होने का दिन था
इंतज़ार की घड़ियाँ
कितनी लम्बी होती हैं
एक तपस्या की तरह
अगर उस तपस्या में
तप गए तो
इंतज़ार की घड़ियाँ
सफल हो जाती है।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर