शालिनी तिवारी - अहमदनगर (महाराष्ट्र)
जब भी मैं तुम्हें याद करती हूँ - कविता - शालिनी तिवारी
रविवार, जुलाई 17, 2022
तुम्हें पता हैं जब भी मैं तुम्हें याद करती हूँ,
तो ऐसे ही तुम्हें ख़त लिखने लगती हूँ।
और साथ ही ख़ुद से यह वादा भी करती हूँ कि
हमेशा इन ख़तों में तुम्हारे लिए
थोड़ा-थोड़ा प्रेम बचाते चलूँगी,
ताकि जब भी तुम मेरा यह ख़त पढ़ो
तो साथ ही पढ़ो मेरा प्रेम भी।
तुम भी एक वादा करो मुझसे
जब भी दोबारा मिलोगे तो ऐसे मिलोगे
जैसे एक नदी मिल जाती है महासागर से,
जो बिछड़ते नहीं प्रलय आने पर भी।
तुम्हारा मेरी जीवन में आना
किसी चमत्कार से कम नहीं,
तो वादा करो इस चमत्कार को
कभी अभिशाप बनने नहीं दोगे।
और मैं भी तुमसे वादा करती हूँ कि
मैं तुमसे प्रेम करती हूँ और करती रहूँगी,
फिर चाहे समाज के लिए मेरा प्रेम
कोई त्रासदी क्यों न बन जाए।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर