सुनील शर्मा 'सारथी' - जालना (महाराष्ट्र)
अपने-आप बनती है कविता - कविता - सुनील शर्मा 'सारथी'
सोमवार, सितंबर 12, 2022
दिल की गहराईयों से निकली
भावनाओं की अभिव्यक्ति है कविता,
अमीर की अमीरी और
ग़रीब की भूख से बनती है कविता।
कहीं प्रेम का तुफ़ान तो कहीं
परिस्थितियों का बयान करती है कविता,
प्रकृति के शृंगार और प्रकोप के साथ
जीवन का दर्शन कराती है कविता।
कहीं प्रेमियों के बेशुमार प्यार का वर्णन
तो कहीं दिलजलों की आहो का बखान,
कही ख़ुशनुमा रंग बिखेरती है, तो कहीं
टूटे दिलों का मरहम बनती है कविता।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर