गिरेंद्र सिंह भदौरिया 'प्राण' - इन्दौर (मध्यप्रदेश)
यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है - कविता - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
मंगलवार, सितंबर 13, 2022
मिसरी सी मीठी कूक लिए झरनों सी लिए रवानी है।
है सुगम बोधिनी भावों की यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है॥
वेदों की वाणी की दुहिता यह ज्ञान सुधा की सरिता है।
है देवनागरी लिपि में जो विज्ञान विभूषित कविता है॥
अक्षर-अक्षर का उच्चारण है दोष रहित अपवाद नहीं।
जैसा लिख दो वैसा बोलो ध्वनियों में कहीं विवाद नहीं॥
भाषाओं में सबसे न्यारी सबसे प्यारी शुभ वाणी है।
दुनिया की भाषा कुछ भी हो पर हिन्दी हिन्दुस्तानी है॥
रस छन्द चरण गुण शब्दशक्ति स्वर व्यंजन की मृदु छवियों की।
वाचिका अलंकृत माला की रुचिरा मधुरा प्रिय कवियों की॥
व्याकरण व्यवस्थित अनुशासित है शब्दकोश से कोष भरा।
चिन्तन मन्थन से ज्ञान कुम्भ नवनीत सार सन्तोष भरा॥
पानी सी निर्मल पावनता तो पानीदार कहानी है।
है सुगम बोधिनी भावों की यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है॥
है प्रबल शक्ति इस भाषा में हर भाषा को अपनाने की।
एकता बनाए रखने की कौटुम्बिक देश बनाने की॥
निर्जीव जीव का लिंग वचन हर क्रिया स्वयं बतलाती है।
अभिव्यक्ति सरल भावार्थ सुगम व्यवहारिकता समझाती है॥
धीरों वीरों विद्वानों की जन-जन की प्रिया पुरानी है।
है सुगम बोधिनी भावों की यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है॥
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर