सुशील कुमार - बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)
नहीं बात करनी मत कीजै - गीत - सुशील कुमार
गुरुवार, नवंबर 24, 2022
नहीं बात करनी मत कीजै।
निशा चली है स्वप्न ब्याहने
जलता दीपक मिले चाह में
झूठे मन से झूठे सपनों को मेरे आकार न दीजै
नहीं बात करनी मत कीजै।
बेशक मेरी प्रीत नकारो
प्रणय निमंत्रण तुम स्वीकारो
तुम्हें भुलाने को साकी से और कहेंगे मदिरा दीजै
नहीं बात करनी मत कीजै।
इससे ज़्यादा क्या खोना है
तुमको खोकर क्या पाना है
पत्थर में भी आँसू देखे पर कब निष्ठुर हृदय पसीजै
नहीं बात करनी मत कीजै।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर