शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
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ईर्ष्या-निन्दा त्याग दो - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
ईर्ष्या-निन्दा त्याग दो - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
मंगलवार, जनवरी 24, 2023
ईर्ष्या-निन्दा त्याग दो, कबहुं न राखो पास।
निन्दा से प्रभुता घटै, ईष्या उपजै रास॥
ईर्ष्या उपजै रास, अरे! निन्दा से दूरी।
दोनों मन के दोष, 'अंशु' हैं जैसे छूरी॥
ईर्ष्या से अनुराग, न फटकै पास परिन्दा।
अरि बाढ़ैं चहुँओर, तजो मन ईर्ष्या-निन्दा॥
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