जीवन संगीत है - गीत - जयप्रकाश 'जय बाबू'
मंगलवार, जून 06, 2023
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम,
बीत रहा हर पल मुस्कुराना तुम।
लेकर फूलों से ख़ुशबू
अपना तन मन महकाना,
लेकर पवन से ताज़गी
हरदम खिल-खिल जाना।
परहित करने नदियों जैसा
ख़ुद को तरल बनाना तुम,
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम।
ख़ामोश है लब सभी के
उनको आवाज़ देना तुम,
बिखरे तरानों से गुम है सदाए
उनको अल्फ़ाज़ देना तुम।
रूखा सा है जीवन सबका
बन बदली बरसाना तुम,
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम।
मन में आशाओं के तुम
दीप जलाए रखना,
हर दीन दुःखी के लिए
प्रीत जगाए रखना।
हर दिन होगा अपना
यह विश्वास बनाना तुम,
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर