शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फ़तेहपुर (उत्तर प्रदेश)
मित्र - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
सोमवार, जुलाई 31, 2023
मित्र तुम्हारा हृदय सिन्धु है तुम नाविक हो वह पतवार,
साथ तुम्हारे रह कर करता भंवर और भवनद को पार।
क्षीर-नीर का वही विवेचक यक्ष प्रश्न हल करने वाला–
भूल 'अंशुमाली' मत जाना वही जीवनी चिर आधार।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर