गजानन! तुम्हारी गूँजे जै-जैकार - गीत - सुशील कुमार
मंगलवार, सितंबर 19, 2023
जय शिव नंदन, कृपा निकंदन, गौरी सुत सरकार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।
वाहन तेरा मूसक राजे, मातु पिता के चरण विराजे
अनुपम ज्ञान दया के सागर, भरते सबकी खाली गागर
जग से बढ़ के, ईश्वर सबके, मातु पिता संसार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।
रिद्धि सिद्ध अधिनायक तुम हो, जीवन के सुखदायक तुम हो
विघ्न विनाशक जगत नियंता, विघ्न हरो आकर भगवंता
भोग तुम्हारे, मोदक प्यारे, कर लो प्रभु स्वीकार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।
बप्पा हो तुम सारे जग के, आसमान नभ जल थल मग के
विद्यावान गुणों में आगर, सत्य मार्ग दिखलाओ आकर
संकट भारी, आस तुम्हारी, सुन लो मेरी पुकार
तुम्हारी गूँजे जै-जैकार।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर