इंद्र प्रसाद - लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
गुरु - कविता - इन्द्र प्रसाद
मंगलवार, सितंबर 05, 2023
गुरुदेव तब वाणी अमृत समान है।
यही कहती है गीता कहता कुरान है॥
ऐसा नहीं कोई जिसका गुरु न हो,
गुरुदेव के बिना जीवन शुरू न हो।
पहली गुरु माता होती महान है॥
गुरुदेव सा जग में कोई नहीं दूजा,
संसार करता है गुरुदेव की पूजा।
गुरुदेव इस जग में प्रभु से महान है॥
प्रभु रूठ अगर जाए गुरुदेव सहारा है,
गुरुदेव कहीं रूठे प्रभु भी ना हमारा है।
गुरु की कृपा से होता सबका कल्याण है॥
हम सब करें अपने गुरुदेव का वंदन,
गुरु के चरण कमल की धूल है चंदन।
गुरु की कृपा से आगे बढ़ता जहान है॥
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