जो बचाना चाहते हो बच भी जाएगा मगर - ग़ज़ल - रोहित सैनी
रविवार, दिसंबर 03, 2023
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
तक़ती: 2122 2122 2122 212
जो बचाना चाहते हो बच भी जाएगा मगर,
एक दिन मौसम सुहाना दिल जलाएगा मगर।
मान लो के ज़ख़्म दिल के भर भी जाएँगे सभी,
एक दिन फिर दर्द ना होना रुलाएगा मगर।
जानता हूँ दर्द-रस है तू मगर कह-सुन ले कुछ,
कहना-सुनना बात भी शायद बढ़ाएगा मगर।
ये अगर गफ़लत नहीं है तो भला क्या है बता,
प्यार सबको होगा, कोई-कोई पाएगा मगर।
एक दिन फिर रौशनी होगी तेरे ही नाम से,
एक दिन आँसू तू घर-भर से छुपाएगा मगर।
लौट कर आती नहीं उम्र-ए-गुज़श्ता फिर कभी,
याद आएगी, मौसम-ए-बाराँ न आएगा मगर।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर