हेमन्त कुमार शर्मा - कोना, नानकपुर (हरियाणा)
किसी पुस्तक के किसी पन्ने पर - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
सोमवार, जून 03, 2024
किसी पुस्तक के किसी पन्ने पर,
दिखाई दिया,
एक कतरन नुमा काग़ज़।
लिखा था कल क्या क्या,
सामान लाना है,
घर चलाने को।
शायद जेब इसकी इजाज़त नहीं दे पाई।
वह कतरन पन्नों में दबी रह गई।
बरसों बाद,
आज पुस्तक पर,
धूल देख साफ़ करते हुए,
वह कतरन,
वर्तमान की तरह अतीत से आई।
सारे शब्द धूमिल से हो गए थे।
पढ़ने योग्य थे।
जैसी स्थिति अब है,
वैसी ही तब थी।
बस इतना ही अच्छा है,
अधिक बिगड़ी नहीं।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर