हेमन्त कुमार शर्मा - कोना, नानकपुर (हरियाणा)
कोई काग़ज़ कैसे सब वृत्तांत कहेगा - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
रविवार, जून 23, 2024
कोई काग़ज़ कैसे सब वृत्तांत कहेगा,
अन्तर के छंदों को पूरा कैसे छुएगा।
एक सीमा है अभिव्यक्ति की,
कागज की सीमित शक्ति की।
बहुत कुछ मुख क्लांत कहेगा।
शासन होगा कृत्यों का मन में,
शासन कहाँ,
वाणी से भृत्यों का तन में।
और वाचाल मन कहाँ शान्त रहेगा।
शब्दार्थ अवधारणा में निहित,
क्या विचार कैसे हो सर्व हित।
विचार तो अमर मरणान्त रहेगा।
कोई काग़ज़ कैसे सब वृत्तांत कहेगा।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर