अभिषेक शुक्ल - फ़र्रूख़ाबाद (उत्तर प्रदेश)
सम्बन्ध और वृक्ष - कविता - अभिषेक शुक्ल
शनिवार, जून 29, 2024
सम्बन्ध और वृक्ष
काफ़ी समान हैं एक हद तक!
विश्वास रूपी धरातल,
प्रेम रूपी जल,
और सत्य रूपी रौशनी!
पोषण करती है इस वृक्ष का
पर्याप्त पोषण मिलने पर
शिखर छूती हैं वृक्ष की लताएँ
गहरे होते जाते हैं सम्बन्ध
कुछ वृक्ष बनते हैं आश्रय के केंद्र
अधिकतर वृक्ष उपजाते हैं फल-फूल
और वृक्ष की प्रकृति के अनुरूप,
फल होते हैं मीठे खट्टे और तीखे!
और कुछ वृक्ष तो कट जाते हैं
बग़ैर फूले-फले ही!
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर