सीमा शर्मा 'तमन्ना' - नोएडा (उत्तर प्रदेश)
हैं बहुत नाज़ुक रिश्ते - कविता - सीमा शर्मा 'तमन्ना'
शनिवार, जुलाई 06, 2024
भाव अनन्त भर भीतर मन के
ज़ुबान पर मिठास रखा कीजिए।
हैं रिश्ते ये ज़रा नाज़ुक हुज़ूर!
इस तरह इन्हें बचाकर रखा कीजिए॥
ये नहीं जेबों में रख खर्चने के लिए
एक दूजे संग मिल चलने के लिए।
ये तो वो अनमोल पूँजी हैं जिन्हें
दिलों में अपने सम्भालकर रखा कीजिए॥
भले ही आए कड़वाहट कितनी
ना बोलचाल बंद किया कीजिए।
बंद होने से पहले दरवाज़े मन के
गर हो सके तो फिर सुलह कीजिए॥
माना कि उम्र गुजर जाती है यूँ तो
इन रिश्तों की उस तुरपाई में।
हो सके हर रिश्ता पक्का, सिलाई,
विश्वास के धागे से किया कीजिए॥
आते हैं बड़ी ही मुश्किलों से
वो जो इस ज़िंदगी के हिस्से में।
परखने से पहले उन्हें स्वयं को,
ज़रा उस कसौटी पर रखा कीजिए॥
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर