'स्वतंत्रता दिवस' यह वह दिन है जब हम अपनी आज़ादी के संघर्ष की याद में उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार दिया।
स्वतंत्रता एक अनमोल धरोहर है, जो हमें बहुत त्याग और बलिदान के बाद प्राप्त हुई है। इस आज़ादी की बदौलत हम आज एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र में जी रहे हैं, जहाँ हमें अपने विचारों को व्यक्त करने, अपने सपनों को साकार करने और अपनी संस्कृति का सम्मान करने की आज़ादी है।
लेकिन साथियों, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता केवल एक अधिकार नहीं है, यह एक ज़िम्मेदारी भी है। हमें इस आज़ादी को बनाए रखने के लिए सतर्क रहना होगा, और इस देश के विकास और समृद्धि में योगदान देने के लिए सदैव तत्पर रहना होगा।
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर पढ़िए लोकप्रिय शायरों के ये कुछ देशभक्ति शेर। आशा है कि ये देशभक्ति शायरी हमारे दिलों में देशभक्ति की भावना को और प्रगाढ़ करेगी।
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न पूछो हम-सफ़रो मुझ से माजरा-ए-वतन, वतन है मुझ पे फ़िदा और मैं फ़िदा-ए-वतन।
- मर्दान अली खां राना |
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लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है, उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
- फ़िराक़ गोरखपुरी |
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है मोहब्बत इस वतन से अपनी मिट्टी से हमें, इस लिए अपना करेंगे जान-ओ-तन क़ुर्बान हम।
- अज्ञात |
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वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे, हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे।
- जाफ़र मलीहाबादी |
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जन्नत की ज़िंदगी है जिस की फ़ज़ा में जीना, मेरा वतन वही है मेरा वतन वही है।
- अल्लामा इक़बाल |
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वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल है, मैं अपने मुल्क की ख़ातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ।
- अज्ञात |
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उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें।
- अज्ञात |
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दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो, निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो।
- जाफ़र मलीहाबादी |
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दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त, मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी।
- लाल चन्द फ़लक |
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ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा, आज ये जन्नत-निशाँ हिन्दोस्ताँ आज़ाद है।
- अमीन सलौनवी |