भारत है प्रेम का देश - कविता - विनय तिवारी

भारत है प्रेम का देश - कविता - विनय तिवारी | Deshbhakti Kavita - Bharat Hai Prem Ka Desh. भारत पर देशभक्ति कविता. Deshbhakti Poem About India
भारत है प्रेम का देश, यहाँ
नफ़रत की आग न फैलाओ।
बहती है यहाँ गंगा जमुना,
नदियाँ न लहू की तुम लाओ॥

क्यों मज़हब धर्म को लेकर तुम,
आपस में लड़ते रहते हो?
क्या धर्म सिखाता है झगड़ा?
क्यों भावनाओं में बहते हो?

परिणाम ये दंगों का देखा,
रहती है नज़र बरसों तक तर।
धनवान मज़े में रहते है,
जलते है ग़रीबों ही के घर॥

है मानवता का धर्म बड़ा,
इस धर्म को ही सब अपनाएँ।
हो दंगा मुक्त हमारा देश,
इस भू पे स्वर्ग को ले आएँ॥

विनय तिवारी - धनबाद (झारखंड)

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