देवेश द्विवेदी 'देवेश' - लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
गोस्वामी तुलसीदास - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'
रविवार, अगस्त 11, 2024
(1)
पड़ी फटकार रत्ना से
'राम' पर आ गए तुलसी,
रची मानस जगत् में
राम से ही छा गए तुलसी,
रमकर राम-भक्ति में
राम-गुण गा गए तुलसी,
संग-संग राम के, सबके
हृदय को भा गए तुलसी।
(2)
है 'मानस' ग्रन्थ अति पावन
हैं सीता-राम अति पावन,
जगत् में राम-तुलसी का
हुआ है नाम अति पावन,
रमकर राम-भक्ति में
करें सुबह-शाम अति पावन,
जन्में थे जहाँ तुलसी
वो प्यारा धाम अति पावन।
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