नवभारत - कविता - नंदनी खरे 'प्रियतमा'

नवभारत - कविता - नंदनी खरे 'प्रियतमा' | Deshbhakti Kavita - Navbharat. नवभारत पर देशभक्ति प्रेरक कविता
युवक तुम्हें जागना होगा
पंख शिथिल मत करो यहीं
देश हित में भागना होगा
युवक तुम्हें जागना होगा

बैरी होने से क्या होगा
धर्म, जाति से क्या होगा
बंधुत्व भाव को लाना होगा
देशहित में नव वीरों
अपनी जान लगाना होगा
युवक तुम्हें जागना होगा

मिलकर ख़ुशियों के रंग यहाँ
सब एक दूजे के संग यहाँ
सम्पूर्ण है भारत हमारा
बस जागरूकता तुम्हें बढ़ाना होगा
युवक तुम्हें जागना होगा

तुम जो सोए देश सोएगा
जागने पर बहुत रोएगा
जिस कारण हुए थे ग़ुलाम
वह कारण मिटाना होगा
युवक तुम्हें जागना होगा

ये आज है जो कल नहीं है
तुम्हें फिर आगे आना होगा
जागो युवा वर्ग जागों
आगे देश तुम्हें चलाना होगा
देशहित का गान
मान तुम्हें बढ़ाना होगा
युवक तुम्हें जागना होगा

नंदनी खरे 'प्रियतमा' - छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)

देशभक्ति कविताएँ - 

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