पूर्वजों को नमन - कविता - आर॰ सी॰ यादव | पूर्वजों पर कविता

पूर्वजों को नमन - कविता - आर॰ सी॰ यादव | पूर्वजों पर कविता | Hindi Poem on Ancestors
नमन वंदन है उन पुरखों को
जो छोड़ गए इस माटी को।
श्रद्धा सुमन अर्पित करके,
जीवित रखें परिपाटी को॥

जिनकी गोद में पले बढ़े हम,
आज हमारे बीच नहीं।
मात-पिता, दादा-दादी सम,
जग में कोई हीत नहीं॥

अंजुरी भर जल अर्पण कर दें,
श्राद्ध कर्म का तर्पण कर दें।
जितना स्नेह मिला पुरखों से,
उतना कर्म समर्पण कर दें॥

जो कुछ जग में विद्यमान है,
पुरखों की ही थाती है।
सदा सँजोकर हम रखेंगे,
अपने पुरखों की माटी है॥

अपनी संतानों की ख़ातिर,
ख़ुद का जिसने बलिदान किया।
शत शत बार नमन है उनको,
जिसने ख़ुशियों का संसार दिया॥

आर॰ सी॰ यादव - जौनपुर (उत्तर प्रदेश)

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