रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़' - रीवा (मध्यप्रदेश)
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया - गीत - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़'
सोमवार, नवंबर 18, 2024
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...
प्रेम अमिय बरसे नित सुंदर
रूप कनक अति बदन मनोहर
सुंदर रुचिर तनु तोरी उमरिया,
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...
चपल चतुर चंचल शशांक सुन
ठुमुकि ठुमुकि रुनझुन रुनझुन
डोलत मन मोरा मीत संवरिया,
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...
नख शिख सुंदर लखि मन मोहे
प्रेम पुलकि गिरिधर तनु जोहे
हंसि हंसि लजात ढंकि ओढ़ चुनरिया,
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...
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