हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया - गीत - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़'

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया - गीत - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़' | Hindi Prem Geet - Hridaya Nayan Tarse Ae Sanwariya
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...

प्रेम अमिय बरसे नित सुंदर
रूप कनक अति बदन मनोहर
सुंदर रुचिर तनु तोरी उमरिया,

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...

चपल चतुर चंचल शशांक सुन
ठुमुकि ठुमुकि रुनझुन रुनझुन
डोलत मन मोरा मीत संवरिया,

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...

नख शिख सुंदर लखि मन मोहे
प्रेम पुलकि गिरिधर तनु जोहे
हंसि हंसि लजात ढंकि ओढ़ चुनरिया,

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया
लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया

हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया...

रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़' - रीवा (मध्यप्रदेश)

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