आत्म विश्लेषण - कविता - बिंदेश कुमार झा

आत्म विश्लेषण - कविता - बिंदेश कुमार झा | Hindi Prerak Kavita - Aatm Vishleshan. आत्म विश्लेषण पर कविता
आसमान से पूछी गहराई,
सोए समुद्र से उसकी लंबाई।
तारों से उनकी गिनती,
सूरज से उसकी परछाई।
मिला जवाब तब मुझे,
जब मैंने अपनी चेतना जगाई।

बिंदेश कुमार झा - नई दिल्ली (दिल्ली)

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