इस इतिवार - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा

इस इतिवार - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा | Hindi Kavita - Is Itivaar - Hemant Kumar Sharma. Hindi Poem On Sunday. रविवार पर कविता
इस इतिवार को 
निठल्ला बैठना चाहता हूॅं।
बहुत पुरानी कीलें है,
हृदय से चुनना चाहता हूॅं।
जिन्हें कभी फिर
बिनने का कहा था,
उस समय व्यस्त था,
अब तक व्यस्त हूॅं,
और आगे भी आशा नहीं
कि समय मिले,
वह गैप जो माँग और पूर्ति का,
सम नहीं हो रहा,
इस कारण इस इतिवार
सुख के क्षण,
उँगलियों पर गिनना चाहता हूॅं।


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