नवल वर्ष हो मंगलमय - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

नवल वर्ष हो मंगलमय - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' | New Year Kavita - Naval Varsh Ho Mangalmay, New Year Hindi Poem | नए साल पर कविता
फूलों सा महको मुसकाओ
नवल वर्ष हो मंगलमय।
परिमल बिखराओ जीवन में
सुमनों सा हो ज्योतिर्मय।
धैर्य और साहस दोनों संग
बढ़ते जाना लक्ष्य मिलेगा।
बाधाओं को कोटि चुनौती
सफल बनोगे दीप जलेगा।
शुभकामना 'अंशुमाली' की
बीता वर्ष सिखाने आया।
चरैवेति सा यावज्जीवन
तुमको राह बताने आया।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फ़तेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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