शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फ़तेहपुर (उत्तर प्रदेश)
नवल वर्ष हो मंगलमय - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
मंगलवार, दिसंबर 31, 2024
फूलों सा महको मुसकाओ
नवल वर्ष हो मंगलमय।
परिमल बिखराओ जीवन में
सुमनों सा हो ज्योतिर्मय।
धैर्य और साहस दोनों संग
बढ़ते जाना लक्ष्य मिलेगा।
बाधाओं को कोटि चुनौती
सफल बनोगे दीप जलेगा।
शुभकामना 'अंशुमाली' की
बीता वर्ष सिखाने आया।
चरैवेति सा यावज्जीवन
तुमको राह बताने आया।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर