श्रवण सिंह अहिरवार - अशोक नगर (मध्य प्रदेश)
यह समय एक क्रांति का है - कविता - श्रवण सिंह अहिरवार
गुरुवार, दिसंबर 19, 2024
यह समय एक क्रांति का है
और
क्रांति हममें ही होनी है
जिसमें विद्रोही होंगे हमारे हाथ
जो लिखेगें एक नई दास्ताँ
दास्ताँ होगी हमारी-तुम्हारी
जो कहेगी अपनी कठोरतम
अनुभवों की शृंखला को निरंतर...
वह कठोर अनुभव लाएँगे बहाकर
सुख की नदियाँ जिसमें जल-मग्न हो जाएँगी
हमारी सारी निराशाएँ
वे कठोर अनुभव
वे झुँझलाती निराशाएँ
शोर मचाएँगी तन-मन में
और
क्रोध रूपी अग्नि बनकर उभरेंगे
क्रांतिकारी सैनिक हमारे
यह क्रांति उभारेगी हममें
एक नए व्यक्तित्व को और अमर हो जाएँगे
इतिहास के पन्नों में
वे विद्रोही जो कि तुम्हारी
देह के पंचतत्व हैं।
तृष्णा और दुःख का चक्र थम जाएगा
क्रांति का परिणाम होगा
अप्रतिम
मिल जाएगा हमारा-तुम्हारा
खोया हुआ व्यक्तित्व
जो की पूर्ण है अपने स्वरूप में।
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