सीता - मत्तगयंद सवैया छंद - सुशील कुमार

सीता - मत्तगयंद सवैया छंद - सुशील कुमार | Mattgayand Savaiya Chhand - Sita - Sushil Kumar. माँ सीता पर सवैया छंद
राम गए वनवास तो राम के साथ में साथ निभा गई सीता,
प्रेम पुनीत चराचर में सचराचार को बतला गई सीता।
सीय को सीय बनाया जो राम तो राम को राम बना गई सीता,
राम ने सीय का त्याग किया वसुधा के ही गोद समा गई सीता॥

राम ने त्याग की राह चुनी उस राह पे फूल सजा गई सीता,
कोमल गात निदाघ महा बन शीतल छाँव सी छा गई सीता।
राम ने मान रखा कुल का तव राम का मान बढ़ा गई सीता,
औ' धन से कुल से बढ़ के पति को परमेश बता गई सीता॥


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