रखकर तो देखो कभी - दोहा छंद - मनोज कामदेव

रखकर तो देखो कभी - दोहा छंद - मनोज कामदेव | Dohe - Dr Manoj Kamdev
रखकर तो देखो कभी, सूरज से संबंध।
फैलेगी संसार में, तेरी भी यश गंध॥

गली-गली में बिक रही, भूख बेबसी लाज।
देख कबीरा ध्यान से, कितना सभ्य समाज॥

अंतहीन आकाश का, बस इतना सा सार।
समझ न पाए आज तक, हम उसका विस्तार॥

जीवन के हर मोड़ पर, जीतोगे तुम जंग।
अगर विचारों की यहॉं, गली नहीं हो तंग॥

मनोज कामदेव - ग़ाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)

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