समीर द्विवेदी नितान्त - कन्नौज (उत्तर प्रदेश)
आओ कुल्हड़ में चाय पीते हैं - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी नितान्त
बुधवार, जनवरी 15, 2025
आओ कुल्हड़ में चाय पीते हैं
चन्द लम्हें सुकूँ के जीते हैं
क्या बताएँ ए दोस्त तेरे बिन
सारे लम्हात रीते-रीते हैं
रम औ' व्हिस्की तुम्हें मुबारक हो
हम तो सादा हैं चाय पीते हैं
ज़िंदगी इस क़दर हसीं भी नहीं
जैसी दिखलाके लोग जीते हैं
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर