मंगलमय हो नवल वर्ष यह - गीत - उमेश यादव
बुधवार, जनवरी 01, 2025
नव प्रभात की दिव्य रश्मियाँ, जगती का कल्याण करे।
मंगलमय हो नवल वर्ष यह, नवल विश्व निर्माण करें॥
युद्ध विभीषिका ने इस जग में, हाहाकार मचाया है।
देख विनाशक दृश्य जगत का, सारा जग घबराया है॥
दिखे मार्ग अब पुनः सुलह का, शांति का आह्वान करें।
मंगलमय हो नवल वर्ष यह, नवल विश्व निर्माण करें॥
संस्कृति पर आघात हो रहा, सत्य धर्म अकुलाया है।
संस्कारों से हीन विधर्मियों, ने आतंक मचाया है॥
धर्म स्थापना हो जग में फिर, दुष्टों को निष्प्राण करें।
मंगलमय हो नवल वर्ष यह, नवल विश्व निर्माण करें॥
दिशा दिखाने वालों ने ही, भ्रष्ट मार्ग अपनाया है।
मिथ्या वादे झूठ मुनादी, से सबको भरमाया है॥
हो नेतृत्व चरित्रवान हम, ऐसा कुछ विधान करें।
मंगलमय हो नवल वर्ष यह, नवल विश्व निर्माण करें॥
धर्म संस्कृति के रक्षक जो, उनको आगे आना होगा।
प्रगति के बाधक तत्वों को, जड़ से हमें मिटाना होगा॥
राष्ट्र सुरक्षित जिन हाथों में, उनको ही मतदान करें।
मंगलमय हो नवल वर्ष यह, नवल विश्व निर्माण करें॥
मानव में देवत्व भावना, को अब पुनः जगाना है।
संस्कारों से पुष्पित जन मन, ऐसा राष्ट्र बनाना है॥
संकल्पित हो करें क्रांति अब, नवयुग का निर्माण करें।
मंगलमय हो नवल वर्ष यह, नवल विश्व निर्माण करें॥
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