भारत देश की महिमा - कविता - ओम प्रकाश श्रीवास्तव

भारत देश की महिमा - कविता - ओम प्रकाश श्रीवास्तव | Bharat Desh Kavita - Bharat Desh Ki Mahima | भारत देश पर कविता
भारत प्यारे देश के, अनुपम सारे साज।
ज्ञान विश्व को बाँटता, यही पुरातन काज।
यही पुरातन काज, खोज उत्तम हर करता।
फिर सबको यह बाँट, हर्ष से उर को भरता।
कहता कविवर ओम, ज्ञान की यही इमारत।
हम सबका सम्मान, देश यह अपना भारत॥

पावन अपना देश यह, सकल रत्न की खान।
सुंदर इसकी है प्रकृति, सुंदर सकल विधान।
सुंदर सकल विधान, हिन्द की महिमा न्यारी।
गंगा यमुना संग, सजी सुंदर सी क्यारी।
कहता कविवर ओम, हिन्द लगता मनभावन।
रखते सब अनुराग, भावना सबकी पावन॥

ओम प्रकाश श्रीवास्तव - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos