द्वंद - कविता - संजय राजभर 'समित'

द्वंद - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - Dvand - Sanjay Rajbhar Samit. द्वंद पर कविता
द्वंद एक आधार है
परिवर्तन का
खोज का, अन्वेषण का

अच्छाई-बुराई
दिन-रात
मौसम का आना-जाना
जन्म-मृत्यु
सृजन-विनाश
जय-पराजय
अलगाव-विलगाव
परिवर्तन है
परिवर्तन ही द्वंद है।


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