सोनू सागर 'रूस्तमपुरी' - अमरोहा (उत्तर प्रदेश)
गागर में सागर - कविता - सोनू सागर 'रूस्तमपुरी'
शनिवार, जनवरी 18, 2025
गागर में सागर मिली करके ख़ूब यत्न।
मिला हमको लक्ष्मीस्वरूपा एक रत्न॥
रहते हैं हम अपने कार्यों में ही मगन।
करते हैं कठिन कार्य, लगा कर लगन॥
हो जाता पूर्ण कार्य करके ख़ूब प्रयत्न।
गागर में सागर भरने से करते सब नमन॥
लोग करते आपके आत्मविश्वास का दमन।
ऐसे व्यक्तियों की संगत से बचें दूर ही हम॥
जो करते दिल से अपने कार्यों का ही चिंतन।
हम प्रयासों से बदलें जीवन के दुख:द क्षण॥
जो जन कर्मों की बौछार से करते पक्का प्रण।
मेहनत से अपने कर्मफल का ख़ूब ही वर्षण॥
देश या दुनिया में कहीं भी करना पड़े भ्रमण।
एकाग्रचित्त होकर राह में आगे बढ़ते रहें हम॥
करें कर्म मेहनत से, भरें डुबकी कर्मठ संगम।
नवीनवर्ष में सतत ख़ुशहाली के कार्य करें हम॥
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