गणतंत्र की गूँज - कविता - रतन कुमार अगरवाला 'आवाज़'

गणतंत्र की गूँज - कविता - रतन कुमार अगरवाला 'आवाज़' | Hindi Kavita - Gantantra Ki Goonj | Poem About Republic Day. गणतंत्र दिवस पर कविता
नव चेतना का पर्व गणतंत्र आया,
भारत का गौरव चहूँ ओर छाया।
छब्बीस जनवरी का दिन महान,
संविधान का गा रहा गर्वित गान।

लोकतंत्र की है अनमोल पहचान,
संविधान में बसता देश का मान।
समानता, स्वतंत्रता, अधिकार हमारे,
हर दिल में जले आशा के सितारे।

जन-गण-मन का जब हो उद्घोष,
हर दिशा में गूँजे भारत का जोश।
वीरों की मेहनत, जनता का बल,
मिलकर मनाएँ चलो गणतंत्र सकल।

तिरंगा लहराए हर दिल के संग,
उसकी रक्षा में हो जीवन सतरंग।
न्याय, सत्य, व कर्तव्य पथ पर,
चलें हम सब सदा संगठित होकर।

गणतंत्र दिवस का ये अभिमान,
है भारत की शक्ति और शान।
आओ मिलकर लें यह प्रण आज,
भारत बन जाए विश्व में सरताज।


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