सच - कविता - संजय राजभर 'समित'
मंगलवार, जनवरी 07, 2025
सच क्या है
जो गणितीय या रासायनिक प्रकृति
के अनुरूप है
या फिर
लोक व्यवहार की आँच पर
यथोचित,
धर्म युक्त मानवीय व्यवहार है।
दो और दो मिलकर
चार होता है
क्या यह सच है?
शायद नहीं
जब इंसान
धरती से आगे बढ़ेगा
यह गणितीय अंक
गौड़ होंगे।
क्या मौत सच है
शायद नहीं
विज्ञान की पराकाष्ठा अभी बाक़ी है।
फिर सच क्या है
एक अल्पकालीन विचार है।
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