स्मृतियाँ अनिमेष - कविता - सुशील शर्मा

स्मृतियाँ अनिमेष - कविता - सुशील शर्मा | Hindi Kavita - Samritiyaan Animesh - Sushil Sharma. स्मृतियों पर कविता
साँझ-सवेरे
स्तब्ध, अनिमेष, निर्वाक्
नाद-मय, प्लावन
शिशु की किलकारी-सा।

अनाप्त, अद्रवित, अप्रमेय
लोच, उल्लसित, लहरिल वहाब
स्नेह से आलिप्त
प्रस्फुलन, मुग्ध प्राणों का।
 
लहरती अल्हड़ता
सोंधी मुग्ध मिट्टी की बास
गर्व भरी मदमाती,
स्नेह भरी तुम्हारी मादकता।

निविड़ में
नीरव गहरे इशारे
समझाते, ज़िंदगी को।
बोधगम्य सारमय,
संपृक्त, संवेदना।

सुशील शर्मा - नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos