रूशदा नाज़ - वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
उसके आने के बाद - कविता - रूशदा नाज़
शुक्रवार, जनवरी 17, 2025
उसके आने के बाद,
मैंने सीखा प्रेम करना
निस्वार्थ प्रेम
हर सुख-दुख में साथ दिया
हर सुन्दर स्मृतियों को जीवंत बनाए रखा।
उसके आने के बाद
जीवन ख़ूबसूरत मालूम पड़ता है
आज भी हम साथ है,
किन्तु है थोड़ी दूरियाँ
वो चंद्रमा जैसी दूर मालूम पड़ती है
जिनसे मैं नहीं लग पाऊँगी गले
किन्तु हर रोज़ देख सकती हूँ।
उसके आने के बाद,
अपने लक्ष्य साधकर डगर की ओर चल दिए
एक दिन कामयाब होकर मिलेंगे
उसने वादे किए,
आर्शीवाद दिए,
और कहा,
आस रखना, मैं मिलूँगी एक दिन
तुम ख़ुश रहना, ख़्याल रखना।
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