यह कुंभ यह स्वाभिमान है - कविता - राजू वर्मा

यह कुंभ यह स्वाभिमान है - कविता - राजू वर्मा | Hindi Kavita - Yah Kumbh Yah Swabhiman Hai - Kavi Raju Verma. Poem About Kumbh. कुम्भ पर कविता
यह कुंभ यह स्वाभिमान है,
ये सनातन संस्कृति और ज्ञान का विस्तार है,
जहाँ पर दिखती मोक्ष की धारा,
जहाँ पर बसती त्याग की ज्वाला,
जहाँ संस्कृति फिर उज्जवल होती,
जहाँ नरमस्तक ये विश्व सारा,
जहाँ नरमस्तक ये विश्व सारा।

यह कुंभ स्वाभिमान की धारा है,
यह कुंभ स्वाभिमान की धारा है।


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