शिव विवाह शिवरात्रि में - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | महाशिवरात्रि पर दोहे

शिव विवाह शिवरात्रि में - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | महाशिवरात्रि पर दोहे | Maha Shivratri Dohe - Shiv Vivah Shivratri Mein
महशिवरात्रि पर्व शुभ, पावन फागुन मास।
गौरी शिव परिणय दिवस, धर्म सनातन ख़ास॥

मिले शान्ति सुख सम्पदा, मिटे विघ्न दुख ताप।
पूजें श्रद्धा भक्ति मन, महाशिवरात्रि आप॥

शिव शिव शिव चारों पहर, हरिहर भोलेनाथ।
नंदीश्वर पशुपति भजें, बेलपत्र जल हाथ॥

शिवशंकर वर चारुतम, चले हिमाचल गेह।
नंदी गण गन्धर्व भी, निराकार शिव स्नेह॥

भूत प्रेत बारात में, देवासुर ऋषि संत।
शिव विवाह शिवरात्रि में, महिमा शम्भु अनंत॥

रत्नजड़ित परिधान में, सज सोलह शृंगार।
पार्वती सुन्दर सुभग, बधू अम्ब संसार॥

बने सहोदर हरि उमा, डाले लावा धान।  
धरे हाथ शिव शक्ति का, फेरे लिए विधान॥

भक्तिभाव मन में भरे, शिवशंकर भगवान।
शिव शक्ति परिणय सुखद, शहनाई शुभ गान॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग शिव, जग हितार्थ बहुरूप।
वधू रूप जगदम्बिका, पूजित सुरनर भूप॥

नीलकण्ठ गिरिजेश शिव, दुनियाँ तारणहार।
त्रिविध ताप नाशक प्रभो, निर्विकार सुखसार॥

मिले मुक्ति जग शिवकृपा, लोभ पाप मन शाप।
पूजन अर्चन शिव चरण, मिटे क्लेश संताप॥

महाकाल शंकर जटा, बहती गंगा धार।
शशिशेखर परिणय उमा, भूतनाथ संसार॥

सदा बिराजे देव शिव, कैलाशी अनिकेत।
भूत प्रेत गण साथ में, गौरी संग उपेत॥

गौरी शंकर वन्दना, प्रेम भक्ति शिवशक्ति।
शरणागतवत्सल विभो, मिले मुक्ति आसक्ति॥

शिव त्रिदेव सत रजो तम, लक्ष्मी विद्या शक्ति।
नंदीश्वर पशुपति जगत, शिव शिव पद अनुरक्ति॥

महाशिवरात्रि साधना, रखें भक्त उपवास।
महादेव बरसे कृपा, महाकाल विश्वास॥

व्रती कुमारी शुभ दिवस, गौरी शंकर पूज।
परिणय हो सद्पात्र वर, पाए प्रियतम दूज॥


Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos