सुन्दर बसन्त - कविता - निर्मल कुमार गुप्ता

सुन्दर बसन्त - कविता - निर्मल कुमार गुप्ता | Hindi Kavita - Sundar Basant - Nirmal Kumar Gupta. Spring Season Poem. बसन्त ऋतु पर कविता
सुन्दर बसन्त, मनभावन है,
सुन्दर किसलय और पावन है।
हर तरफ लरजती छटा निराली,
हर मन मन्दिर में, छाई ख़ुशहाली।
आज धरा का, नव शृंगार हुआ है,
मानो प्रियतम से मिलने का आगाह हुआ है।
हर तरफ़ बसंती, चोला है,
हर मनुज का, आज मन डोला है।
सुन्दर बसन्त मनभावन है,
सुन्दर किसलय और पावन है।
माँ सरस्वती का पूजा अर्पण,
चरणों में मन, कर रहा सर्वस्व समर्पण।
सुन्दर बसन्त मनभावन है,
सुन्दर किसलय और पावन है।

निर्मल कुमार गुप्ता - सीतापुर (उत्तर प्रदेश)

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