डॉ॰ आदेश कुमार पंकज - सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)
बात मन की कभी तो बताया करो - ग़ज़ल - डॉ॰ आदेश कुमार पंकज
रविवार, मार्च 16, 2025
बात मन की कभी तो बताया करो
दर्द दिल में छिपा मत सताया करो
हो अकेले कभी मम ज़रूरत पड़े
पास अपने हमें तुम बुलाया करो
बाग़-बगिया दिशाएँ मनोरम लगें
फूल मधुरिम मनोहर खिलाया करो
प्रेम गलियाँ कभी भी न सूनीं दिखें
कृष्ण बनकर दधी को लुटाया करो
कौन ऐसा यहाँ भूल करता न हो
भूल शिकवे गिले मुस्कराया करो
देव आएँ अगर चाहते तुम सुनो
एक दीपक हमेशा जलाया करो
माँस नाखून से कब हुआ है अलग,
भ्रात रिश्ते पुराने निभाया करो
शीश अपना झुकाओ मना ईश को
द्वार चौखट प्रभो की सजाया करो
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