रंगवाले तू रंग से भर दे - गीत - उमेश यादव
शुक्रवार, मार्च 14, 2025
प्यार भरी रंग की पिचकारी, छुपा रखा है क्यों अंतस में।
बरसाओ सतरंगी सबपर, अंग अंग तू रंगमय कर दे।
रंगवाले तू रंग से भर दे॥
शुष्क हो रहे मन के भूषण, तन पे चढ़े हैं कालिख दूषण।
घर परिवार समाज राष्ट्र में, देखो कैसी बढ़ी है अनबन॥
तन मन वचन स्नेह सिक्त हो, सराबोर सबको तू कर दे।
रंगवाले तू रंग से भर दे॥
बदले हैं इंसानों के रंग, फिर से असली रंग चढ़ा दो।
मिलजुल करके रहना सीखें, होली का वह पाठ पढ़ा दो॥
बदले ना अब रंग मनुज का, चोखे रंग से सबको रंग दे।
रंगवाले तू रंग से भर दे॥
गुब्बारे हैं दंभ द्वेष के, उनको फोड़ो, रंग बरसा दो।
स्नेह प्यार की पिचकारी से, सबको रंगो और हर्षा दो॥
कहीं न कोई दुखी रहे अब, सबको सुख शांति से भर दे।
रंगवाले तू रंग से भर दे॥
हर रंग फीका लगे मुझे अब, तू अपने ही रंग लगा दे।
जो रंग तुझको भावे रसिया, मुझपर वैसा रंग चढ़ा दे॥
जैसा चाहे वैसा रंग दे, बस सब कुछ मनभावन कर दे।
रंगवाले तू रंग से भर दे॥
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