देखो! ऐसा है हमारा बिहार - कविता - आलोक कौशिक
शनिवार, मार्च 22, 2025
सकारात्मक सोच यहाँ की
हृदय में करूणा और प्यार
संघर्ष का साहस यहाँ पर
कभी ना होती हौसलों की हार
देखो! ऐसा है हमारा बिहार
नयनाभिराम नदियाँ देखो
फ़सलों से खेतों का शृंगार
ग्रीष्म, शरद, वसंत आते
वर्षा भी होती है मूसलाधार
देखो! ऐसा है हमारा बिहार
परम ज्ञान की प्राप्ति होती
बहती यहाँ बुद्धि की बयार
प्रेम हो तो पर्वत कट जाता
सीखा है यहीं से सारा संसार
देखो! ऐसा है हमारा बिहार
सारे रंगों का सम्मिलन यहाँ
भाईचारे का सुन्दर आकार
लाजवाब लोकगीत यहाँ के
विश्वप्रसिद्ध यहाँ के त्यौहार
देखो! ऐसा है हमारा बिहार
दुश्मनों से डरते नहीं हैं
करते नहीं पीछे से प्रहार
यहीं से यह भी तय होता है
देश में हो किसकी सरकार
देखो! ऐसा है हमारा बिहार
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