प्रसन्नता - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
बुधवार, मार्च 26, 2025
गीत ख़ुशी के गाऍं जा हम,
मन प्रसन्नता शहद सुधा है।
शिरोवेदना दर्द निवारक,
ग़म उदास मन ख़ुशी दवा है।
सत्कार्य ध्येय जीवन सहचर,
हर्ष सुधारस पान नशा है।
सफल लक्ष्य संघर्ष विघ्न पथ,
मन प्रसन्नता दिशा दशा है।
ध्येय पथिक हो नित पौरुष बल,
परहित सेवा सदा ख़ुशी है।
राष्ट्र प्रगति पथ तन मन अर्पण,
चाह मनुज आनंद सुखद है।
भूख प्यास वसन छतरी अम्बर,
मददगार मुस्कान अधर है।
दलित पीड़ित अवहेलित जनगण,
सुख ज्ञान दान सम्मान प्रखर है।
दें विषाद मुख हर्ष सुमन बन,
परसुख जीवन नित ख़ुशियाँ है।
पादप ख़ुशी सुख पराग सुमन,
धवल कीर्ति आनंद प्रभा है।
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