तेरी दुनियाँ में मुझको - नज़्म - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'

तेरी दुनियाँ में मुझको, दिलकश कोई किरदार ना मिला
ख़ुशामद के दीवाने हैं यहाँ, हुनर का जानकार ना मिला
वफ़ा की उम्मीद क्या करें, कोई ज़र-परस्तों की दुनिया में
दिल के मुफ़्लिश ही बसते यहाँ, कोई दिलदार ना मिला
अरमानों पे सियाही पोतने वाले, तो बहुत मिले हैं यहाँ
मगर जो दिल में रंग भरदे, ऐसा कोई चित्रकार ना मिला
सुनके दर्द की दास्ताँ, ज़ख़्मों पर नमक छिड़कते हैं यहाँ
ऐ ख़ुदा! जो प्यार का मरहम लगादे, ग़म-गुसार ना मिला
माना कि मदद को हाथ, बढ़ाती ही नहीं मसरूफ़ दुनिया
पर इंसान-इंसान से ना जले, ऐसा कोई संसार ना मिला
ये बात और है 'सुराज' कितने अरमानों से जिया है यहाँ
इस रंग बदलती दुनिया में, बशर कोई ख़ुदार ना मिला


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