नशा मुक्ति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'

नशा मुक्ति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | नशा पर दोहे | Nashamukti Dohe. De-addiction Dohe
लगी लतें द्रग नशा की, नौनिहाल इस देश।
तम्बाकू गाजा चरस, नशाबाज़ परिवेश॥

गज़ब नशा वातावरण, यौवन वय मदपान।
अल्कोहल मदिरा नशा, रत जीवन अवसान॥

नशाबाज़ सेवन नशा, समझे जीवन शान।
आन बान सम्मान निज, धुम्रपान मुस्कान॥

लानत है इस नशापन, दहशत में इन्सान। 
आदत है ऐसी बुरी, लेती है बस जान॥

मातु पिता कर्त्तव्य है, करे जागरुक बाल।
करे नहीं ख़ुद नशा को, नौनिहाल ख़ुशहाल॥

नौनिहाल संगति बुरी, देख नशा परिवेश।
नशा मुक्ति प्रति जागरण, दो मानव संदेश॥

नशा मुक्ति अभियान को, चहुँ मुख देश प्रचार।
बाल युवा हो या जरा, नशामुक्त परिवार॥

रक्षित आगम बालपन, युवाशक्ति उत्थान।
नशा विरत जब देश हो, बने मनुज इन्सान॥

दुर्लभ जीवन मनुज का, रच पौरुष इतिहास।
तम्बाकू द्रग विष नशा, कैंसर लीवर ग्रास॥

नशा पाप का मूल है, हरे ज़िंदगी चैन।
मति विवेक संयम हरे, ख़ुशियाँ तरसे नैन॥


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